रविवार, 31 मई 2015

एड्स पीडि़तों के लिए निकिता सिंह का नया उपन्यास ऑफ्टर ऑल दिस टाइम

नई दिल्ली/ न्यूयॉर्क। निकिता सिंह का नया उपन्यास ऑफ्टर ऑल दिस टाइम आ रहा है। अपने पिछले छह उपन्यासों में प्रेम संबंध और रिश्तों का तानाबाना बुनने के बाद 24 वर्षीय लेखिका निकिता सिंह इसी तरह के विषय पर नया गल्प लेकर आ रहीं हैं।
पेंगुइन रैंडम हाउस की लोकप्रिय कहानीकारों में गिनी जाने वाली निकिता न्यूयॉर्क से रचनात्मक लेखन की पढ़ाई कर रहीं हैं। उनकी नयी पुस्तक ‘ऑफ्टर ऑल दिस टाइम’ आई है।
निकिता अपने उपन्यास में महिला किरदारों को प्रभावशाली तरीके से पेश करती हैं लेकिन पुरष विरोधी होने से भी बचती हैं।
उनकी नयी पुस्तक इस बात को बयां करती है कि एचआईवी से ग्रस्त लोग किस तरह प्रेमपूर्ण जीवन जीते हैं।

गुरुवार, 28 मई 2015

गोहत्या रोकने के लिए एकजुट होकर अभियान चलायेगा मुस्लिम समाज

लखनऊ। इस रमजान मुस्लिम समाज गोहत्या रोकने के लिए एकजुट होकर अभियान चलायेगा और गोमांस का बहिष्कार करेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश मुस्लिम व्यापारी संघ के 450 कार्यकर्ता रमजान शुरू होने के साथ ही मुस्लिम बहुल इलाकों में जाकर मुसलमानों को समझाएंगे कि इस्लाम में गोमांस खाने पर पाबंदी है।
मुस्लिम व्यापारी संघ के अध्यक्ष शमीम शम्सी का कहना है कि मुसलमानों के चौथे और आखिरी खलीफा हजरत अली ने गाय के मांस को जहर और इसके दूध को अमृत बताया था मगर जानकारी न होने के कारण मुस्लिम समाज गोमांस को लेकर धार्मिक, कानूनी और सामाजिक तर्कों में उलझ जाता है।
यूपी मुस्लिम व्यापारी संघ ने गोहत्या और गोमांस की बिक्री पर रोक से भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए इसके निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने मांग की है। इस मसले पर संघ के पदाधिकारी जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जा रहे हैं।
पहले इसी मुद्दे पर व्यापारी संघ ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी। उन्हें मांगपत्र भी सौंपा था। शमीम को उम्मीद है कि मोदी सरकार से इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। अगले महीने से शुरू होने वाले अभियान के लिए 450 युवा कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की गई है।
व्यापारी संघ ने गोमांस पर बैन के साथ गो पालकों को गाएं पालने के लिए मुआवजा दिए जाने की मांग की है। संघ के मुताबिक गरीब किसान दूध न देने वाली गायों को तंगी में कसाइयों को बेच देते हैं। ऐसे में बूढ़ी और दूध न देने वाली गायों को बचाने के लिए उनके पालकों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाए और ऐसी गायों का पंजीकरण किया जाए।
मुस्लिम व्यापारी संघ ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के सभी स्लॉटर हाउस बाहुबली और राजनीतिक दलों के नेताओं के हैं। इन नेताओं की पैरवी बड़े नेता भी करते हैं। यही वजह है कि कोशिशों के बावजूद स्लॉटर हाउसों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। इसके बजाय गोमांस का निर्यात लगातार बढ़ता जा रहा है।
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने इस मुस्लिम व्यापारी संगठन की इस पहल पर कहा, ‘यूपी में गाय के गोश्त का प्रयोग न के बराबर है। अगर ऐसा कोई अभियान चलाया जा रहा है तो वह सराहनीय है। मौका आया तो हम भी योगदान देंगे।’

बुधवार, 27 मई 2015

एएमयू के प्रोफेसर ने कहा, समलैंगिकों के अड्डे हैं मदरसे

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में घिर गए हैं। उनके ऊपर मदरसों को ‘अधर्म और समलैंगिकता के अड्डे’ कहने का आरोप लगा है। स्टूडेंट्स में उनके खिलाफ भारी नाराजगी देखी जा रही है।
यूनिवर्सिटी के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर वसीम राजा पर आरोप लगा है कि उन्होंने वॉट्सऐप पर एक टीवी चैनल को मेसेज भेजा था। इस मेसेज में लिखा था कि मौलाना इस तरह की गतिविधियों में लगे हुए हैं और मुस्लिम युवाओं का भविष्य तभी बदलेगा, जब देश के सभी मदरसे बैन कर दिए जाएं। चैट के स्क्रीन ग्रैब्स में राजा यह कहते दिखते हैं, ‘हम मदरसों को हटाना चाहते हैं, जहां समलैंगिकता को बोलबाला है और मौलाना इसमें शामिल हैं।’
प्रोफेसर पिछले 3 दशकों से यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने इस तरह के मेसेज भेजने से इंकार किया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। मैं कई सार्क कॉन्फ्रेंसेस में हिस्सा ले चुका हूं और हमेशा कम्युनिटी के पुनर्गठन की बात की है। क्या मदरसे हमारी कम्युनिटी में नहीं आते? इसका मतलब यह नहीं है मैंने ऐसा कुछ कहा है। मेरा फोन हैक कर लिया गया था। अब मैंने ग्रुप को बैन कर दिया है।’
स्टूडेंट्स ने राजा की टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है। रिसर्च स्कॉलर शाह आलम तुर्क ने कहा, ‘मैं ग्रुप में चैट कर रहा था, तभी राजा ने ऐसी बातें कहीं। मैंने उन्हें कहा कि अपने विचार रखना आपका संवैधानिक अधिकार है, मगर आप तथ्यों के बिना इस तरह से अपमान नहीं कर सकते। यह पूर्वग्रह है और इससे हमारी कम्युनिटी कमजोर होगी, मजबूत नहीं।’
अन्य स्टूडेंट्स ने भी इसी तरह के विरोध किया है। एक ने कहा, ‘आप जैसे लोग यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम कर रहे हैं। आपक इस जगह पहुंचे हैं तो बोलने से पहले सोचिए।’ AMUTA सचिव मुस्तफा जैदी ने कहा कि प्रोफेसर को बोलने से पहले कुछ सोचना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘इस तरह के बयान नाराजगी पैदा कर सकते हैं। उन्हें ऐसा कहना ही नहीं चाहिए था।’
एएमयू पीआरओ राहत अबरा ने कहा कि वीसी अभी बाहर हैं और उनके लौटने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि इस मामले में क्या कार्यवाही की जाए।

रविवार, 24 मई 2015

देश का पहला संस्कृत रॉक बैंड है ध्रुव

भोपाल। भोपाल का ‘ध्रुव रॉक बैंड’ कई मायनों में अलग है क्योंकि ये ख़ुद को देश का पहला संस्कृत रॉक बैंड बताता है. यह बैंड ऋग्वेद के मंत्रों को क्लासिकल और वेस्टर्न म्यूज़िक के साथ तैयार कर रहा है.
इस बैंड ने अपनी पहली प्रस्तुति मार्च में दी. 10 सदस्यों वाले इस बैंड को अब कई जगह परफॉर्मेंस देने के बुलावे मिलने लगे हैं.
इस बैंड को बनाने वाले डॉ. संजय द्विवेदी ने बताया, ”हमारा मक़सद संस्कृत को आम भाषा बनाना है. इसे कुछ वजहों से लोगों ने कुछ विशेष लोगों के लिए बना दिया था. समय के साथ हम संस्कृत को आसान नहीं बना पाए. हमारी कोशिश इसे आम लोगों तक पहुंचाने की है.”
संजय बताते हैं, “पहली परफॉर्मेंस में ही लोगों ने इस बैंड को काफ़ी सराहा. लोग और सुनने का आग्रह कर रहे थे.”
उनका कहना है कि इस विधा में वो जो भी करेंगे वो पहली बार होगा, यही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
संस्कृत में पीएचडी संजय ने इस बैंड के साथ ऐसे लोगों को जोड़ा है जो हर तरह से अपनी विधा में परांगत हैं.
वैभव संतूर और ज्ञानेश्वरी बैंड में गायक हैं.
वैभव बताते हैं, “संस्कृत में एक-एक शब्द के उच्चारण का महत्व है. उच्चारण में ज़रा सी ग़लती से शब्दों के अर्थ बदल सकते हैं. यही वजह है कि हर रोज़ चार-चार घंटे रियाज़ करना पड़ता है.”
एआर रहमान संगीत अकादमी से ट्रेनिंग पाने वाले सन्नी शर्मा बैंड के ड्रमर है. सन्नी शर्मा ने एमटीवी के लिए भी परफ़ॉर्म किया है.
उन्होंने बताया, “संस्कृत श्लोकों में ड्रम के उपयोग की गुंजाइश बहुत कम थी लेकिन इस पर भी काम किया गया और अब ड्रम का भी बख़ूबी उपयोग किया जा रहा है.”
संजय द्विवेदी मानते हैं कि सूफी संस्कृत का ही हिस्सा है. यही वजह है कि सूफी संगीत हमारे दिल को छूता है और सुकून भी देता है.
बैंड से जुड़े सभी लोग मानते हैं कि उन्होंने कल्पना ही नहीं की थी कि वो अपने हुनर का उपयोग इस तरह के बैंड के लिए करेंगे.